सोमवार, 30 जनवरी 2017

बेटे की फिल्म ऑस्कर में, 65 साल की मां ने जिंदगी में नहीं देखी एक भी फिल्म, कहा- ये जरूर देखूंगी

बेटे की फिल्म ऑस्कर में, 65 साल की मां ने जिंदगी में नहीं देखी एक भी फिल्म, कहा- ये जरूर देखूंगी
Dainikbhaskar.com 30 Jan.2017 4:40
शहर का गणेश तलाई क्षेत्र। आम दिनचर्या के बीच एक वृद्धा गली-सड़क से गुजरती है तो हर किसी की आंख उसकी ओर उठ रही है। वह सबके लिए चाची है, लेकिन इससे जुदा भी उसकी पहचान है। बचपन में खोए उसके बेटे शेरू (सारू बियली) की जिंदगी पर बनी हॉलीवुड फिल्म ऑस्कर में नामित हुई है, लेकिन मां इससे अनजान है। लोगों के बताने पर आंखों में खुशी के आंसू लिए कहती हैं 65 साल की उम्र तक एक भी फिल्म नहीं देखी। अब बेटे की फिल्म जरूर देखूंगी।
यह बताने पर कि ऑस्कर में फिल्म नामित होना बहुत बड़ी बात है। भोलेपन से मां फातमा बी कहती हैं मुझे नहीं पता ऑस्कर क्या है। शेरू को सारू कहते हुए लोग बताते हैं बेटा आस्ट्रेलिया में बड़ा आदमी हो गया है। मेरे लिए तो वह मेरा छुटपन का शेरू ही है। उसकी दौलत से मुझे कोई लेनादेना नहीं। आस्ट्रेलिया के माता-पिता ने पाल-पोसकर उसकी जिंदगी बनाई। जन्म देने वाली मैं हूं पर मुझसे बढ़कर उस मां-बाप का दर्जा ऊंचा है।
दिल चीर के नहीं दिखा सकती खुशी
फातमा बी के चेहरे पर मुस्कान है। वे कहती हैं खुशी दिल चीर के नहीं दिखा सकती। अल्लाह बेटे को हर नेमत से नवाजे। मोहल्ले वाले भी अपने बीच के बेटे की जिंदगी पर बनी फिल्म ऑस्कर में जाने से खुश हैं। क्षेत्र के डेन्जिल एम्स (डेनू) बताते हैं हर मां चाहती है उसकी पहचान औलाद के नाम से हो। बेटे शेरू की मां के नाम से ही पहचानी जाती हैं।
चौखट पर निगाहें, जिंदगी चिड़िया का बसेरा, जाने कब उड़ जाए
फातमा बी घर की चौखट पर खड़ीं आज भी बेटे का इंतजार कर रही हैं। वह कहती हैं फिल्म को ऑस्कर में जाना ही था। वह फिल्म नहीं मेरे बेटे की जिंदगी की हकीकत है। खंडवा में पिक्चर की शूटिंग के दौरान खूब रोई थी। सोचा बेटा साथ होता। उसकी शादी करती। पोता-पोती होते, लेकिन बेटा जहां हैं वहीं खुश रहे। मेरी जिंदगी चिड़िया का बसेरा है। जाने कब उड़ जाए।
आंखों में खुशी के आंसू लिए मां फातमा कहती हैं लोग बेटे के बारे में बताते हैं तो अच्छा लगता है।
मां खुश हुई

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